रीसायकल का हिंदी अर्थ क्या होता है?

रीसायकल का हिंदी अर्थ क्या होता है?

कन्वर्ट (बर्बाद) पुन: प्रयोज्य सामग्री में। चक्रीय प्रक्रिया में पिछले चरण में लौटें (सामग्री)।

रीसाइक्लिंग को हिंदी में क्या कहते हैं?

पुनर्चक्रण: पुनर्चक्रण संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] उपयोग में लाई जा चुकी वस्तुओं को सँभालकर रखने और उन्हें फिर से उपयोग में लाने की क्रिया या भाव ; उपयोग में लाई जा चुकी वस्तुओं को पुनः उपयोग में लाने के लिए तैयार करना ; पुनरावर्तन ; पुनश्चक्रण ; (रिसाइक्लिंग)।

रीसायकल शब्द का पहली बार प्रयोग कब हुआ था?

पुनर्चक्रण (सं.) 1924 , रीसायकल (वी।) से मौखिक संज्ञा। मूल रूप से तेल-शोधन और इसी तरह के उद्योगों में एक तकनीकी शब्द; इसकी व्यापक उपभोक्ता भावना 1960 से है।

पुनर्चक्रणीय अपशिष्ट का क्या अर्थ है?

पुनर्चक्रण योग्य अपशिष्ट का अर्थ है ऐसे अपशिष्ट से जिसका उपयोग इस प्रक्रिया में अपना रूप बदलकर नए माल का उत्पादन करने के लिए किया जा सकता है ताकि वे अब कचरे के रूप में पहचाने जाने योग्य न हों ।

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ठोस अपशिष्ट पदार्थ क्या है?

ठोस अपशिष्ट वे पदार्थ होते हैं जो उपयोग के बाद निरर्थक एवं बेकार हो जाते हैं तथा जिनका कोई आर्थिक उपयोग नहीं होता है। जैसे-डिब्बे, काँच के सामान, प्लास्टिक, अखबार, आवासीय कचरा आदि। ठोस अपशिष्ट पूरे विश्व में एक समस्या बनकर उभरा है।

अपशिष्ट पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं?

अपशिष्ट के प्रकार

  1. प्रकृति के आधार पर अपशिष्ट के प्रकार ठोस अपशिष्ट – कागज, रबर, प्लास्टिक, काॅंच, धातु etc. द्रव अपशिष्ट – वाहित मल (सीवेज द्रव) …
  2. अपघटन क्रिया के आधार पर अपशिष्ट के प्रकार जैव-निम्नीकरण अपशिष्ट – वे अपशिष्ट है जिनका जैविक कारकों (सूक्ष्मजीवो) से अपघटन होता है। …
  3. अपशिष्ट के अन्य प्रकार रेडियोधर्मी अपशिष्ट

भस्मीकरण कौन सी प्रक्रिया है?

भस्मीकरण (incineration) एक रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें किसी सामग्री, विशेषकर कार्बनिक रसायन वाली सामग्री को जलाया जाता है और उसके बड़े भाग को राख व धुएँ में परिवर्तित किया जाता है। यह अपशिष्ट प्रबंधन (waste treatment) में बहुत उपयोगी है।

ठोस अपशिष्ट क्या है ठोस कचरे का प्रबंधन कैसे किया जा सकता है समझाओ?

प्रथम चरण – अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न करने वालों द्वारा कचरे को सूखे और गीले कचरे के रूप में छांट कर अलग करना। द्वितीय चरण – घर घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करना और छंटाई के बाद इसे प्रसंस्करण के लिए भेजना। तृतीय चरण – सूखे कूड़े में से प्लास्टिक, कागज, धातु, कांच जैसी पुनर्चक्रित हो सकने वाली उपयोगी सामग्री छांटकर अलग करना।

ठोस अपशिष्ट निपटान के लिए उपयुक्त तरीका कौन सा है?

भस्मीकरण: इस विधि में ठोस अपशिष्ट को भट्ठी में तब तक जलाया जाता है जब तक कि यह राख में बदल नहीं जाते हैं इस प्रक्रिया में अपशिष्ट के दहनशील हिस्से ऑक्सीजन के साथ मिलकर कार्बन डाइऑक्साइड और पानी बनाते हैं, जो वायुमंडल में मुक्त होते हैं

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अपशिष्ट का प्रबंधन कैसे करें?

अपशिष्ट प्रबंधन की विधियाँ:

  1. लैंडफिल (Landfill): यह वर्तमान में अपशिष्ट प्रबंधन हेतु प्रयोग होने वाली सबसे प्रचलित विधि है। …
  2. इंसीनरेशन (Incineration): इस विधि में अपशिष्ट को उच्च तापमान पर तब तक जलाया जाता है जब तक वह राख में न बदल जाए।

कचरे का निपटारा कैसे किया जाता है?

इसके लिए जमीन पर एक गड्ढ़ा खोदा जाता है। इस गड्ढ़े की तली में एक जाली या रेत की एक परत बिछाई जाती है। उसके बाद कचरे की परतें बिछाई जाती हैं। लगभग दो महीने के बाद, कचरा मिट्टी जैसे पदार्थ में बदल जाता है, जिसे कम्पोस्ट कहते हैं।

कचरे का प्रबंधन किस प्रकार किया जा सकता है इसके क्या लाभ है?

कचरा प्रबंधन के फायदे कचरा प्रबंधन का सबसे पहला फायदा यह है कि, इससे पर्यावरण स्वच्छ रहता है। यदि हमारे आस-पास के सभी कचरे का उचित निपटान किया जाए तो हम पर्यावरण को आसानी से स्वच्छ रख सकते है। कचरा प्रबंधन की पुनर्चक्रण प्रक्रिया से हमे नए उत्पादों के लिए कच्चा माल प्राप्त होता है।

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