लिव इन रिलेशनशिप का मतलब क्या है?
लिव इन रिलेशनशिप का मतलब क्या है?
लिव-इन सम्बन्ध या लिव-इन रिलेशनशिप एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें दो लोग जिनका विवाह नहीं हुआ है, साथ रहते हैं और एक पति-पत्नी की तरह आपस में शारिरिक सम्बन्ध बनाते हैं। यह सम्बंध स्नेहात्मक होता है और रिश्ता गहरा होता है। सम्बन्ध कई बार लम्बे समय तक चल सकते हैं या फिर स्थाई भी हो सकते हैं।
क्या शादीशुदा पुरुष लिव इन रिलेशनशिप में रह सकता है?
कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा, “शादीशुदा होने के बावजूद लिव-इन रिलेशनशिप में रहना कोई गुनाह नहीं है और इससे भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि शादीशुदा व्यक्ति ने तलाक की कार्रवाई शुरू की है या नहीं.”
रिलेशनशिप का मतलब क्या होता है?
[संज्ञा स्त्रीलिंग] नाता ; संबंध।
लिव इन रिलेशनशिप कानून कब बना?
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर एक गाइडलाइंस जारी किया था। इसके मुताबिक जो रिश्ता पर्याप्त समय (लंबे समय) से चल रहा है, इतना होना चाहिए कि वह टिकाऊ माना जा सके, ये कोर्ट तय करेगा। अगर दोनों पार्टनर लंबे समय से अपने आर्थिक व अन्य प्रकार के संसाधन आपस में बांट रहे हों तो ये भी रिश्ता लिव इन ही कहलाएगा।
लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए क्या करना पड़ता है?
लिव इन रिलेशन कब होगा वैध लिव इन रिलेशन के लिए एक कपल का साथ रहना जरूरी है कि उन्हें पति-पत्नी की तरह एक साथ रहना होगा. हालांकि इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है, लेकिन उनका लगातार साथ रहना जरूरी है. ऐसे संबंध को लिव नहीं माना जायेगा जिसमें कभी कोई साथ रहे हों और फिर अलग हो जायें, फिर कुछ दिन साथ रह लें.
एक रिलेशनशिप में कितने लोग रह सकते हैं?
हालांकि अगर दो लोग एक दूसरे के साथ कम्फर्टेबल हैं और रिलेशनशिप में कमिटमेंट रखते हैं तो वो अपनी आपसी समझ और कम्पैटेबिलिटी (अनुकूलता) का पता करने के लिए लिव-इन रिलेशनशिप में रह सकते हैं। हालांकि यह हर किसी काफी बड़ा और अहम फैसला हो सकता है। यह आपके पूरे रिश्ते को कई तरह से बदल भी सकता है और इसे बेहतर भी बना सकता है।
अगर किसी को ऐसे इंसान से बहुत प्यार हो जाये जो पहले से ही शादीशुदा है तो उसे क्या करना चाहिए?
सबसे पहले जवाब दिया गया: अगर किसी को ऐसे इंसान से बहुत प्यार हो जाये जो पहले से शादीशुदा है तो उसे क्या करना चाहिए? शादीशुदा से दोस्ती कर लेनी चाहिए। उसके जीवन साथी से भी दोस्ती कर लेनी चाहिए। फिर दोस्ती को निभाते चलो।
शादीशुदा महिला से कोर्ट मैरिज कैसे करें?
कोर्ट मैरिज किसी भी धर्म संप्रदाय अथवा जाति के बालिग युवक-युवती के बीच हो सकती है। किसी विदेशी व भारतीय की भी कोर्ट मैरिज हो सकती है। कोर्ट मैरिज में किसी तरह का कोई भारतीय तरीका नहीं अपनाया जाता है। बस इसके लिए दोनों पक्षों को सीधे ही मैरिज रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन करना होता है।
तलाक पत्नी क्या मिलता है के बाद?
कुछ प्रावधान तो ऐसे हैं यदि पैतृक संपत्ति में विभाजन न हो और पति-पत्नी तलाक चाहते हों तो पति के हिस्से का मूल्यांकन कर पत्नी को मुआवजा दिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने तलाक की प्रक्रिया में स्त्रियों को पति की संपत्ति में हक दिलाने के लिए हिंदू विवाह अधिनियम 1955 व विशेष विवाह कानून 1954 में संशोधन का निर्णय लिया है।